वानी

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मीरा के ज़ख्म

चैप्टर 24

अब तक आपने पढ़ा मीरा के ज़ख्म से खून आने लगता है शौर्य पट्टी करने लगता है तो मीरा नहीं मानती है तो शौर्य बताता है की वो उसकी पत्नी है और बताने लगता है की कैसे उसने शादी की थी तनुजा और सिद्धार्थ की मदद से


अब आगे

शौर्य कहता है "अभी शादी अधूरी है ,डॉक्टर उसे अगले 2 घंटे के लिए सुला दे,अनिल तयारी होगई"?

अनिल कहता है "यस मिस्टर सिंघानिया" शौर्य तनुजा को एक पैकेट देते हुए कहता है "ये लो" तनुजा उसमे देखती है ,उसमे लाल चुनरी कंगन, पायल और कुछ और गहने थे ,तनुजा बोलती है "बस इतना काफी है"

डॉक्टर मीरा को नींद का इंजेक्शन लगा देता है... थोड़ी देर में मीरा गहरी नींद मे सो जाती है.... तनुजा उसे तेयार करती हैं...... शौर्य उसे देखता है उसे वो ऐसे भी बहुत खूबसूरत लग रही थी शौर्य उसे गोद मे उठा लेता है और तीनो मंदिर निकल जाते है......

"मंदिर में"

शौर्य मीरा को गोद मे लेकर खडा हो जाता है, फेरे होते है जो शौर्य मीरा को गोद मे लिए पुरा करता है फिर वो उसे मंगलसूत्र पहनाता है सिंदूर लगता है"..... अनिल अपने बॉस को देखके मन मे कहता है... "ये पहली शादी है जो होस्पिटल के कपड़ो मे हो रही है वो भी बेहोश करके" वो बेचारा वीडियो बना रहा था...... पंडित जि कहते है "शादी संपन्न हुई"...

सिद्धार्थ मुस्कुराते हुए कहता है "आखिर तूने इसे अपना बना ही लिया" "मुबारक हो" तनुजा मीरा को देखते हुई कहती है.... "बहुत कुछ हुआ है इन 10 सालों मे बहुत कुछ सहा है मीरा ने उम्मीद करती हु खयाल रखोगे"...शौर्य मीरा को देखकर एक गहरी सांस लेता है और कहता है "आखिर मेरी जिंदगी आज मेरी बाहों मे है"

उसके चेहरे पर आज अलग ही सुकून था....उसके बाद सब वापस होस्पिटल आ जाते है तनुजा उसके गहने उतार देती है... और उसे पहले जैसे कर देती है शौर्य उसका मंगलसूत्र निकालने लगता हैं तो तनुजा कहती है.... "ये क्या कर रहे हो"

शौर्य कहता है "मै अभी मीरा को शादी के बारे मे नही बता सकता अभी और भी काम करने है ये ठीक हो जाए उसके बाद बता देंगे"

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"फ्लैशबैक एंड"

मीरा हैरानी से उसे देखती है ,उसे बहुत गुस्सा आ रहा था वो शौर्य को घूरते हुए कहती है "तुम समझते क्या हो खुद को, हर चीज़ हर रिश्ता मजाक है क्या तुम्हारे लिए हाँ ,पहले तुमने मुझसे धोखे से शादी की फिर उस शादी कि निशानी को मुझसे दूर कर दिया किसने हक दिया तुम्हे ये सब करने का हाँ, बहुत महान हो जो तुमने मुझसे शादी कि, मुझे नही ज़रूरत है तुम्हारी, तुम होते कौन हो ये सब करने वाले, जानते क्या हो मेरे बारे मे ,तुम्हे किसने हक दिया मुझसे शादी करने का, और कर भी ली तो किस हक से तुमने मुझसे मेरा मंगलसूत्र और सिंदूर छीना है, चले जाओ यहाँ से मै तुम्हारी शकल भी नही देखना चाहती, चले जाओ यहाँ से नहीं तो मै खुद को खतम कर दूंगी जाओ यहाँ से चले जाओ"

मीरा बहुत तेज़ चिल्ला रही थी..... शौर्य उसके पास आता है और उसके होठो पर अपने होंठ रख देता हैं.... उसने ये इतनी जल्दी किया की मीरा को कुछ समझ ही नही आया उसकी आँखे और बड़ी होगई कुछ देर तो वो एकदम खामोश थी जब उसे समझ आया की हुआ क्या उसके साथ ,वो शौर्य को खुद से दूर करने लगती हैं शौर्य उसे आसानी से छोड़ देता है लेकिन उसके पास ही बैठा रहता है

वो उसके बाल ठीक करता है और अपने मोबाइल का कैमरा औन करके मीरा के सामने कर देता है उसकी मांग मे लाल सिंदूर था और गले मे काले मोती मे लगा छोटा सा लॉकेट जो मीरा के पहले लॉकेट जैसा ही था बस उसमे अब काले मोती लगे हुए थे मीरा हैरानी से शौर्य को देखती है .... जो उसे ही देख रहा था"

शौर्य थोड़ा शांत लहजे मे कहता है "मैंने तुमसे कुछ नही छिना है, तनुजा ने बताया था"....फिर एक गहरी सांस लेकर कहता है "मै ये नही करना चाहता था, लेकिन मुझे मजबूर तुमने किया अब तुम मुझसे दूर नही जा सकती हो, मिसेस मीरा शौर्य सिंघानिया"

मीरा आँखो मे आँसु लिए कहती है "तुम्हे कुछ हासिल नही होगा शौर्य मै कुछ नही दे सकती तुम्हे".... शौर्य हल्का सा मुस्कुराता है और कहता है "मुझे तुमसे तुम्हारे सिवा कुछ चाहिए भी नही,अब सो जाओ गुड नाईट" और वो भी सोफे पे जाके सो जाता है


दूसरी तरफ एक सुनसान जगह

यशवंत और महेंद्र किसी का इंतज़ार कर रहे थे तभी वहाँ एक कार आके रुकती है उसमे से एक आदमी निकलता है जिसकी उमर करीब 30-32 की होगी ब्लैक जीन्स और ब्लैक टी शर्ट के साथ ब्लैक कोट मे वो बहुत हैंडसम लग रहा था.."मेरा नाम खत्री है कहिये क्यु बुलाया है" यशवंत उससे कहता है "जी मेरा नाम यशवंत सिंह है और ये मेरा बेटा महेंद्र सिंह"... खत्री दोनो को उपर से नीचे तक देखता है फिर कहता है "आ हा तो तुम हो यशवंत मिलकर खुशी हुई कहो क्या मदद कर सकता हूँ"...

"हमे साशा से मिलना है" महेंद्र कहता है.... खत्री उसे एक नज़र देखता है फिर कहता हैं "मुझे बीच मे बोलने वाले लोग पसंद नही है तुम बोलो यशवंत ऐसा कौन सा काम है जो तुम जैसा आदमी नही कर सकता"

यशवंत उसे एक फोटो देता है और कहता है "इन दोनो माँ बेटे को मारना है" खत्री वो फोटो देखते हुए कहता है "इन दोनो ने तेरा क्या बिगाड़ दिया" "बहुत कुछ, बहुत सालों से कोशिश कर रहे थे लेकिन मिले नही और अब मिले हैं तो शौर्य इनके साथ है और उसे सिर्फ साशा लड़ सकता है तुम जानते हो"

खत्री किसी को कॉल करता है और कहता है..... "फोटो भेजी है देखो यशवंत और महेंद्र उन्हे मारना चाहता है...... पूछता हूँ... क्या "दुश्मनी है तेरी उससे"

यशवंत कहता है "जवानी के जोश मे गलती हो जाती है ऐसी ही गलती होगई है बस सबूत मिटाना है" दूसरी तरफ से कोई कुछ बोलता है.... खत्री एक रेहस्यमई मुस्कान के साथ कहता है "काम हो जायेगा" और वो जाने लगता है तभी महेंद्र कहता है "कीमत क्या है"

खत्री उसके पास आता है और उसके कंधे थपथपाते हुए कहता है..... "हमारे हर काम की कीमत लगा सके इतना भी अमीर नही है तु अभी जा जाके चिल मार" फिर वो वहाँ से चला जाता है.

"सुबह का वक़्त होस्पिटल"

मीरा अपनी आँखे खोलती है तो उसे सोफे पर शौर्य सोया हुआ दिखता है ,वो सोया हुआ बहुत हैंडसम लग रहा था मीरा उससे अपनी नजरे नही हटा पा रही थी तभी दरवाजे पर दस्तक होती हैं आवाज़ सुनके शौर्य की नींद खुल जाती है वही सिद्धार्थ दन दनाता हुआ अंदर आ जाता है और मीरा से पूछता है "क्या दुश्मनी है तुम्हारी उस महेंद्र से"

क्या अंजाम होगा इस शादी का? कौन है साशा ? क्या तूफान पाएगा साशा मीरा की जिंदगी में? क्या शौर्य बचा पाएगा मीरा और राहुल को जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरी कहानी "एक मां ऐसी भी"

......... बाय बाय.......

वानी #कहानीकार प्रतियोगिता

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